
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बृहस्पतिवार को कहा कि उन्होंने ऐपल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) टिम कुक से भारत में आईफोन का उत्पादन बंद करने और इसके बजाय अमेरिका में आईफोन बनाने को कहा है. ऐपल अमेरिका में स्मार्टफोन का उत्पादन नहीं करती है. इसके अधिकांश आईफोन चीन में बनाए जाते हैं, जबकि भारत में स्थित संयंत्रों में सालाना लगभग चार करोड़ इकाई (ऐपल के वार्षिक उत्पादन का लगभग 15 प्रतिशत) का उत्पादन होता है.
राष्ट्रपति के रूप में अपने दूसरे कार्यकाल में स्थानीय विनिर्माण पर जोर दे रहे ट्रंप ने कहा कि ऐपल 'अमेरिका में अपना उत्पादन बढ़ाएगी.' कतर की राजधानी दोहा में ट्रंप के बयान के तुरंत बाद, भारत सरकार के अधिकारियों ने ऐपल के अधिकारियों से बात की. उन्होंने भारत के प्रशासनिक अधिकारियों को आश्वासन दिया है कि भारत के लिए ऐपल की निवेश योजनाएं बरकरार हैं और कंपनी भारत को अपने उत्पादों के लिए एक प्रमुख विनिर्माण केंद्र बनाने का प्रस्ताव रखती है.
अमेरिकी के राष्ट्रपति ने दोहा में व्यापार गोलमेज सम्मेलन में कहा कि उन्हें ऐपल के सीईओ टिम कुक के साथ थोड़ी समस्या है. मैंने कुक से कहा है कि मैं नहीं चाहता कि आप भारत में आईफोन बनाएं.
ट्रंप ने कहा "मैंने उनसे (कुक) कहा कि मेरे मित्र, मैं आपके साथ बहुत अच्छा व्यवहार कर रहा हूं. आप 500 अरब डॉलर लेकर आ रहे हैं, लेकिन अब मैं सुन रहा हूं कि आप भारत में विनिर्माण कर रहे हैं. मैं नहीं चाहता कि आप भारत में विनिर्माण करें. यदि आप भारत का ख्याल रखना चाहते हैं तो आप भारत में विनिर्माण कर सकते हैं."
इस संबंध में ऐपल को ई-मेल के जरिये भेजे गये सवालों का फिलहाल कोई जवाब नहीं मिला है. हालांकि सूत्रों ने कहा कि भारतीय अधिकारियों ने ट्रंप के बयान पर ऐपल से बात की है.
सूत्र ने कहा, “ऐपल ने आश्वस्त किया है कि भारत में उसकी निवेश योजनाएं बरकरार हैं और भारत उसके उत्पादों के लिए एक प्रमुख विनिर्माण केंद्र होगा.”
सस्ते कुशल श्रम और सटीक इंजीनियरिंग उत्पाद आपूर्ति शृंखलाओं की उपलब्धता ने ऐपल को आईफोन के विनिर्माण के लिए चीन और भारत की ओर आकर्षित किया है. इसकी तुलना में अमेरिकी श्रम और विनिर्माण महंगा है.
ट्रंप ने सुझाव दिया कि ऐपल भारतीय बाजार के लिए भारत में अपने उत्पाद बना सकती है. लेकिन अमेरिका में बेचे जा रहे ‘मेड इन इंडिया' (भारत में विनिर्मित) आईफोन को रोकना होगा.
उन्होंने कहा, “आप चाहें तो भारत में विनिर्माण कर सकते हैं, ताकि भारत का ख्याल रखा जा सके.”
कुक ने पहले कहा था कि ऐपल जून तिमाही में अमेरिका में बेचे जाने वाले अधिकांश आईफोन भारत से खरीदेगा, जबकि शुल्क पर अनिश्चितता के बीच चीन अन्य बाजारों के लिए अधिकांश उपकरण बनाएगा.
भारत में बने आईफोन को ताइवान की अनुबंध पर विनिर्माण करने वाली कंपनी फॉक्सकॉन के तमिलनाडु स्थित कारखाने में असेंबल किया जाता है. भारत में पेगाट्रॉन कॉर्प का संचालन करने वाली टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स दूसरी प्रमुख विनिर्माता है. टाटा और फॉक्सकॉन आईफोन उत्पादन बढ़ाने के लिए नए संयंत्र बना रहे हैं और उत्पादन क्षमता बढ़ा रहे हैं.
पिछले वित्त वर्ष (2024-25) में ऐपल ने भारत में 60 प्रतिशत अधिक आईफोन असेंबल किए, जिनकी कीमत अनुमानित 22 अरब डॉलर है. फॉक्सकॉन ने निर्यात के लिए तेलंगाना में ऐपल एयरपॉड्स का विनिर्माण भी शुरू कर दिया है.
एसएंडपी ग्लोबल के विश्लेषण के अनुसार, 2024 में अमेरिका में आईफोन की बिक्री 7.59 करोड़ इकाई थी, जिसमें मार्च में भारत से निर्यात 31 लाख इकाई था.
एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस रिपोर्ट के अनुसार, “ऐपल का भारतीय निर्यात पहले से ही मुख्य रूप से अमेरिका की ओर जा रहा है. यह 28 फरवरी, 2025 तक तीन महीनों में फर्म द्वारा निर्यात किए गए फोन का 81.9 प्रतिशत है. निर्यात में 219 प्रतिशत की वृद्धि के परिणामस्वरूप मार्च, 2025 में यह बढ़कर 97.6 प्रतिशत हो गया, जो संभवतः फर्म द्वारा उच्च शुल्क को रोकने की कोशिश को दर्शाता है.”
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अप्रैल में घोषणा की थी कि पिछले वित्त वर्ष में भारत से 1.5 लाख करोड़ रुपये के आईफोन निर्यात किए गए.
भारत में ऐपल देश में सबसे बड़ा रोजगार सृजनकर्ता है. अनुमान है कि इसने देश के विभिन्न विक्रेताओं के माध्यम से लगभग दो लाख लोगों को रोजगार दिया है.
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